शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2013

चेहरे पर कील, मुँहासे, झाइयां, दाग, धब्बे(  Nail on the face, acne, heat spot, stains, spots )


  चेहरे पर चाहे कैसे भी दाग धब्बे हों ।नारी का व्यक्तित्व दब जाता है । हर सौन्दर्य प्रिय महिला सुन्दरता के इन शत्रुओं से स्वयं को बचाना चाहती है। चेहरे पर दाग कई प्रकार के होते है । जैसे - 1-     सफेद दाग, 2. चेचक के दाग, 3. कील मुहांसे, 4. झुर्रियां
इन शत्रुओं से ग्रसित महिलाएँ अपनी वास्तविक आयु से काफी बड़ी लगने लगती है । इसका सबसे अधिक प्रभाव सीधा चेहरे पर पड़ता है और धीरे-धीरे यह पूरे चेहरे पर फेल जाता है । चेहरे पर कीलदागधब्बे आदि रोकने के लिये उपचार करना बहुत जरूरी हैं । आमतौर पर देखा गया कि महिलाएँ अकसर तनावग्रस्त होने के कारण अपनी त्वचा पर ध्यान ही नहीं दे पाती और ऐसी बीमारियों की शिकार हो जाती है । इस स्थिति से बचे रहने के लिये विटामिन सी की कमी को पूरा करना चाहिये और मासिक धर्म आते समय कोई परेशानी हो तो अपने चिकित्सक का परामर्श लेना चाहिये ।
इन बीमारियों का दूसरा कारण एक यह भी है कि स्त्रियाँ बिना जाने पहचाने मेकअप करती है । मेकअप उतना ही करना चाहिये जिससे चेहरा स्वाभाविक लगे । अन्यथा त्वचा के सुराख बंद हो जाने से आंतरिक स्त्राव की प्रक्रिया रुक जाती है । रूकावट के कारण शरीर की गंदगी अंदर ही अंदर सड़कर त्वचा को अनाकर्षक बना देती है
चेहरे पर कील का प्रभाव
कील - काली कीलें चेहरे के सौन्दर्य को समाप्त कर देती है इन्हें दूर करने का उपाय अवश्य करना चाहिये । इसमें किसी अच्छे साबुन से चेहरा धोना और भाप देना चाहिये । नींबू के सूखे हुये फूल उबले पानी में मिलाकर भाप देने से अत्यधिक लाभ होता है । ऐसा करने से रोम छिद्र खुल जायेंगे और इसके बाद जहां - जहां काली कीलें हों उनके पास के भाग को टिशू पेपर या कॉटन से हल्का सा दबाएं । इसके बाद उन रोम छिद्रों को किसी लोषन द्वारा बंद कर देना चाहिये । डिस्टिल वाटर में बाइकार्बोनेट मिलाकर लगाएं इससे आश्चर्यजनक फायदा होता है । गरम शहद लगाने से भी काली कीलों से छुटकारा मिल जाता है । इन कीलों के लिये दूध भी उत्तम माना जाता है । गर्म पानी से चेहरा धोएं फिर गर्म दूध स्पंज से पूरे चेहरे पर लगाए बाद में  ठंडे पानी से चेहरा धो लें ।
चेहरे पर कीलों के लिये उबटन :- 25 ग्राम मुलतानी मिट्टी 100 ग्राम बादाम का चूरा, 50 ग्राम ग्लिसरीन इन सबका घोल बनाकर रख लें । इस मिश्रण को कील पर लगाने से फायदा होता है । यह रोज लगाना चाहिये ।
मुहांसे :- युवक-युवतियों के चेहरे पर मुहासों का निकलना एक साधारण सी बात है । उठती हुई युवावस्था में यह निकलते ही हैं । इनके निकलने का कोई निश्चित समय नहीं है । यह मुहांसे किसी को कम और किसी को ज्यादा निकलते है । किसी युवती को लंबे समय तक मुहांसे निकलते है और किसी को कम समय के लिये । मुहासों को रक्त में खराबी से नहीं समझना चाहिये और न ही किसी रोग या विकार के कारण निकलते है ।
वास्तव में यह तब होता है । जब लड़के-लड़कियाँ युवा होने लगते है । उस समय उनके शरीर में जो परिवर्तन आते है । उनमें एक परिवर्तन मुहासों का निकलना भी होता है ।
कील मुहांसे आदि के कारण चेहरे की शक्ल इसलिये बिगड़ जाती है क्योंकि बहुत से लोगों को यह ज्ञान ही नहीं होता कि इनसे रक्षा भी की जा सकती है । इससे वे इन्हें बढ़ने देते है । परंतु उन्हें यह पता नहीं होता है कि उम्र का यह वह समय है । जब उन्हें और अधिक खूबसूरत दिखना चाहिये और ऐसे समय त्वचा की देखभाल बहुत जरूरी होती है ।
कील - मुहासों का सबसे बड़ा कारण त्वचा में चिकनाई पैदा करने वाली ग्रंथियाँ का अधिक सक्रिय होना तथा अनियमित ढंग से काम करना है ।
चेहरे पर कील-मुहांसे निकलते हैं तो छोटी-छोटी फुसियां भी निकलती है और स्थिति बड़ी भयानक हो जाती है । ऐसी स्थिति में संक्रामण भी हो सकते है । यदि उनको नियंत्रित न किया जाए तो त्वचा में सैप्टिक हो जाता है । और त्वचा की अनेक समस्याएँ खड़ी हो जाती है । इसलिये कठिन स्थिति से बचने के लिये आवश्यक है कि आरंभ में ही उन्हें रोक दिया जाए ।
यदि थोड़ी सी सावधानी बरती जाए तो मुहासों की समस्या हल हो सकती है और चेहरे का सौन्दर्य भी कायम रह सकता है । शुष्क त्वचा पर मुहांसे नहीं निकलते हैं । इसलिये त्वचा को हमेशा बार-बार धोना चाहिये । जब भी आप आपकी त्वचा पर मुहासों का प्रभाव हो तो उन्हें छीले नहीं और न ही दबाएं । और न हाथ लगाए । अगर आप ऐसा करेंगे तो चेहरे पर दाग धब्बे पड़ सकते है । ऐसे समय में चेहरे पर भाप देनी चाहिये । भाप देने के बाद जब त्वचा के रोमकूप खुल जाएंगे तो हल्के-हल्के हाथ से रूई रखकर दबाएं । बाद में बर्फ मलने से खुले रोमकूप सिकुड़ कर बंद हो जायेंगे ।
मुहांसे निकलने पर पेट का ठीक तरह से साफ होना चाहिये । अगर कब्ज हो रही हो तो कब्ज की दवाई लेनी चाहिये । मुँहासों की शुरुआत होते ही ध्यान देना चाहिये । सबसे पहले गर्म पानी के छपाके लगाए फौरन ही ठंडे पानी के छपाके लगाए ।  ऐसा दिन में दो बार जरूर करने से मुँहासे में फायदा होता है ।
मुँहासों के लिये उबटन :-    1. प्याज को काटकर तेल में पकाए जब तक व पारदर्शी न हो जाए । भूनने के बाद ठंडी हो जाए तो मलमल के कपड़े में बांधकर चेहरे पर रगड़े ।  2. कपड़े धोने का साबुन भी मुँहासों को सुखाता है । 3. आंवले का चूर्ण पानी में भिगोए प्रात: काल इसे चेहरे पर मसले और थोड़ी देर बाद पानी से धो लें । 4. नीम की छाल को पानी में भिगोकर रख दें । 5 घंटे बाद पीसकर मुँहासों पर लगाएं । 5. सबसे आसान तरीका यह है कि बाजार में उपलब्ध एंटी सैप्टिक क्रीम टैरा माइसीन का इस्तेमाल कर सकते है ।
चेहरे पर झाईयों का प्रभाव :-
झाइयां :- यह कोई समस्या नहीं है । बल्कि सामान्य अवस्था का संकेत मात्र है । पोषण की कमी इसका प्रमुख कारण है । प्राय: स्त्रियों को गर्भावस्था में पर्याप्त पोषण तत्व न मिलने पर झाईयों उत्पन्न हो जाती है । कई बार अधिक देर तक जागने और पढ़ने आदि से होने वाली थकान के कारण भी आंखों के नीचे धब्बे और झाइयां पड़ जाती है । आंखें थके नही उसके लिये उचित प्रकाश की व्यवस्था करनी चाहिये और निद्रा भी भरपूर लेनी चाहिये।
        धूप से होने वाली झाइयां अस्थाई होती है  । किन्तु यदि वे समय के साथ पैदा हुई तो उन्हें ब्लीच करना आवश्यक है । ब्लीचिंग करने से वे खत्म हो जाती है । यदि आपकी त्वचा खुश्क है तो झाईयों को ब्लीच करने के बाद उन पर तेल अवश्य लगाना चाहिये और मालिश कर सकते है । कुछ समय में निरंतर उपचार करने से झाइयां दूर हो जाएंगी । झाईयों पर नींबू का रस इस्तेमाल कर सकती है । नींबू का रस 5 मिनट तक रगड़े फिर सूखने के बाद ठंडे पानी से चेहरा धो लें ।

झाईयों के लिये उबटन :- 1. चार चम्मच मूली के रस में 22 बूंदें सिरके की मिलाकर लगाएं । झाईयों के लिये यह प्रभावशाली लेप है । 2. कसी हुई मूली को दूध में पकाकर भी आप ब्लीच बना सकती है । 3. अगर झाइयां ज्यादा गहरी है तो चार चम्मच नींबू के रस में लगभग एक चुटकी बोरेक्स डालें । यह लोषन रात में सोते समय लगाएं सुबह चेहरा ताजे पानी से धो लें । यह झाईयों पर बहुत फायदा पहुँचाती है ।

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