मंगलवार, 15 जनवरी 2019

वैचारिक क्रान्ति अभियान कार्यक्रम

वैचारिक क्रान्ति अभियान -

० जब विचारों में विरोधाभास होता है तो यह कहना कठिन होता है कि सही कौन कह रहा है क्योंकि विरोधी बातें करने पर दोनों सही नहीं हो सकते दोनों गलत तो हो सकते हैं और एक के सही होने की सम्भावना होती है।

० आज के समय में जबकि कोई भी अपने विरोध को सुनना ही नहीं चाहता चाहे कहने वाला सत्य ही कह रहा हो चाहे हम गलती पर हों, सत्य को सुनना बहुत कठिन काम है।

० साधारणतया रसोईघर में किसी पदार्थ को जानना हो तो हम चखकर जान लेते हैं। इस विधि से भी सारे पदार्थों को जाना नहीं जा सकता है। रासायनिक प्रयोगशाला में पदार्थों को चखना तो क्या छू भी नहीं सकते। पदार्थों के गुणों की परख करने के लिए कुछ प्रयोग किए जाते हैं तब पदार्थों का ज्ञान होता है। हम पदार्थों के गुण के आधार पर उनका प्रयोग करने के लिए दूसरे के ज्ञान पर आश्रित रहते हैं।

० जिस प्रकार सोने की परख करने के लिए कुछ विधियां अपनाई जाती हैं वैसे ही सत्य के निर्णय के लिए प्रमाणों की आवश्यकता होती है

० आचार्य चाणक्य कहते हैं-
यथा चतुर्भि: कनकं परीक्ष्यते निघर्षणं छेदनतापताडनै:।
तथा चतुर्भि: पुरुषं परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा।।
अर्थात: सोने की परख उसे रगड़कर, काटकर, आग में तपा कर अौर पीट कर की जाती है। इन चार कार्यों को करने के पश्चात ही शुद्ध सोने की परख होती है। इसी प्रकार व्यक्ति को परखने से लिए भी चार बातों का ध्यान रखना चाहिए।
- त्याग की भावना देखना
व्यक्ति को परखने के लिए उसकी त्याग क्षमता को देखना चाहिए। दूसरों के सुख के लिए स्वयं के सुख का त्याग करने वाला अच्छा इंसान होता है। जिनमें त्याग की भावना नहीं होती वे अच्छे इंसान नहीं होते अौर न ही वे किसी का भला करते हैं।
- चरित्र देखना
जिन लोगों का चरित्र अच्छा होता है वे भी अच्छे इंसान होते हैं। अच्छे चरित्र वाले लोगों के मन में दूसरों के प्रति गलत भावनाएं नहीं होती। जिस व्यक्ति के चरित्र अौर विचार ठीक नहीं है उनसे दूरी बनाकर रखनी चाहिए।
- गुण देखें
इंसान की पहचान उसके गुणों से की जा सकती है। वैसे सभी में कुछ गुण अौर अवगुण होते हैं परंतु कुछ लोगों में अवगुण अधिक होते हैं। ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए। छोटी-छोटी बात पर क्रोधित होना, झूठ बोलना, दूसरों का अपमान करना, अहंकार आदि अवगुण होने वाला व्यक्ति श्रेष्ठ नहीं माना जाता।
- कर्म से करें परख
व्यक्ति के गुणों के साथ-साथ उसके कर्मों से भी उसकी पहचान की जा सकती है। व्यक्ति को परखते समय उसके कर्मों को देखना चाहिए। गलत तरीके से धन संचित करने वाला अौर अधार्मिक कार्य करने वाले से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। गलत कार्य करने वाले इंसान आस-पास के लोगों पर भी बुरा प्रभाव डालते हैे। इस प्रकार के लोगों से मित्रता करने पर मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

० इसी प्रकार प्रत्यक्षादि प्रमाणों से सत्य सिद्धान्तों का पता लगाया जा जाता है। बिना सत्य सिद्धान्तों के कभी किसी का कल्याण नही हो सकता इसीलिए सभी को आवश्यक है कि पूर्ण पुरुषार्थ करके सत्य सिद्धान्तों को जानकर सभी के कल्याण का कार्य करना चाहिए।

० वैचारिक क्रान्ति अभियान इसी उद्देश्य को लेकर चल रहा है समय समय पर की जाने वाली सभाओं के माध्यम से सत्य सिद्धान्तों को रखा जा रहा है तथा शंकाओं का समाधान भी किया जाता है ।

० श्री महावीर वर्मा ( प्रसिद्ध उद्योगपति एवं समाज सेवी) और श्री उमेश गोयल "भोला बाबू" ( प्रसिद्ध उद्योगपति )  जी की व्यवस्था में *रविवार ७ शुक्लपक्ष २०७५ (13/01/2019) को कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें विचारों को शुद्ध करने के कुछ आधार बताए गये।

० शीघ्र ही आगामी कार्यक्रम की सूचना दी जायेगी, कार्यक्रमों में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर ऋषि मिशन में सहयोगी बनें।

=> अधिक जानकारी के लिए आप सम्पर्क करें - 9897060822.

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