गुरुवार, 19 मार्च 2020

आवश्यक सन्देश

नमस्ते जी

*[यह सन्देश यदि आवश्यक लगे तो साझा अवश्य करें]*

        आज सारा विश्व भयंकर कोराना विषाणु से बचाव में लगा हुआ है। भारत की केन्द्रीय सरकार और राज्य सरकारें भी इस क्षेत्र में सजगता के साथ आवश्यक कार्य कर रही हैं। चिकित्सकों का योगदान बहुत ही सराहनीय है। मीडिया और सोशल मीडिया भी सभी को जागरुक कर रहा है। जो जो भी इस कार्य में सहयोगी हैं उनको धन्यवाद देते हुए इस समय सभी के लिए यह आवश्यक हो जाता है कि स्वास्थ संस्थाओं ‌के द्वारा बतायी गयी जानकारी को हम‌ सब अपनायें और देश को बचायें।

      आयुर्वेद में विषाणु नाशक अनेक पदार्थों का वर्णन किया है, उनमें से सबसे अधिक उत्तम पदार्थ 'गोघृत' है। गोघृत के सेवन करने और यज्ञ ( अग्निहोत्र ) करने से सभी प्रकार के विषाणुओं का नाश हो जाता है।

         सृष्टि के आदि काल से आज तक लम्बा समय हो गया ( १९६०८५३१२० वर्ष ) अनेक बार बीमारियों ने महामारी का रूप लिया है, उनसे बचने और जीतने के अनेक तरीके भी तैयार किये गये हैं।

         यहां एक बात तो यह जानने योग्य है कि चिकित्सा की सबसे प्राचीन, विस्तृत और लम्बे समय तक स्वास्थ लाभ देने वाली उत्तम पद्धति ' आयुर्वेद' ही है। इसका अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि अन्य पद्धतियां ठीक नहीं है, अन्य पद्धतियों ने भी हमारे स्वास्थ के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है जिनमें एलोपेथी ने बहुत उच्च स्थान बनाया है। 

      वेद ज्ञान का आदि स्रोत है जिसमें स्वस्थ रक्षा से सम्बन्धित अनेक मन्त्र हैं, जिनके आधार पर हम स्वस्थ कैसे रहें और हम स्वस्थ कैसे हों, इन दोनों क्षेत्रों में आयुर्वेद ने बहुत काम किया है।

आज भी पहला प्रश्न यही है कि हम स्वस्थ कैसे रहें अर्थात् विषाणु से कैसे बचें, फिर दूसरा प्रश्न है कि हम स्वस्थ कैसे हों अर्थात् विषाणु से ग्रसित हो जायें तो उपचार क्या है?

ध्यान दें - 
        अपनी जीवन शैली वैदिक काल जैसी अपनायें अर्थात् स्वच्छता का ध्यान रखें, नित्य व्यायाम, आसन और प्राणायाम करें, शाकाहारी आहार ही लें, परमेश्वर की उपासना और गोघृत और औषधियों से अग्निहोत्र को दिनचर्या में सम्मिलित करें, माता-पिता-विद्वानों की सेवा को धर्म समझकर करें, अपने जीवन को चलाने और उन्नत करने के लिए किसी को भी हानि ना पहुंचायें। इससे हम स्वस्थ ही नहीं रहेंगे बल्कि सुखी रहेंगे।

         जिन कारणों से विषाणु फैलने की सम्भावना है उनसे बचें/बचायें। कोरोना विषाणु के ग्रसित होने के लक्षण प्रतीत होने पर और अधिक सावधानी बरतते हुए सरकार द्वारा बताये गये फोन सूत्र पर सम्पर्क करें।

       नॉवल कोरोना वायरस फैलने से रोकें|  खाँसते,छींकते वक़्त अपने मुँह को रुमाल/टिशू से ढकें| हाथों को लगातार साबुन से धोएं| अपनी आँख,नाक और मुँह को न छुएं| अगर किसी को खाँसी, बुखार या साँस लेने में तकलीफ़ हो तो उससे 1 मीटर की दूरी बनाये रखें| ज़रूरत पड़ने पर नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या हेल्पलाइन नंबर. 01123978046 पर संपर्क करें|

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